19/08/2012 फोन करने पर दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार
पटियाला।। आजादी के 65 साल के बाद भी देश में दलितों को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है। एक ताजा मामले में पंजाब के पटियाला के सदरपुर गांव में एक दलित लड़के ने गलती से एक अगड़ी जाति के लड़के का मोबाइल नंबर मिला दिया। बस इसी वजह से इस गांव के 50 दलित परिवारों को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है।
यह बहिष्कार 16 अगस्त से ही जारी है, लेकिन पुलिस ने अब तक बहिष्कार करने वाले बड़े किसानों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। बहिष्कार करने वालों ने इसका उल्लंघन करने वाले पर 50 हजार जुर्माने की भी घोषणा की है।
14 अगस्त को गांव के एक दलित लड़के ने अगड़ी जाति (बड़े किसानों) के एक लड़के के मोबाइल पर कॉल कर दी। इस पर उनमें काफी बहस हुई। पहले तो गांव के कुछ बड़ों ने बीच-बचाव कर दिया। लेकिन, 15 अगस्त को जब पिछली जाति वाला लड़का गज्जू मैरा गांव के सरकारी स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाकर घर लौट रहा था, तब उस पर अगड़ी जाति के एक ग्रुप ने हमला कर दिया और उसे काफी गंभीर चोटें आईं। न्याय के लिए कुछ और लोगों के साथ समाना के डीएसपी से मुलाकात करने वाले अमर सिंह ने बताया, 'हमने घायल लड़के को समाना के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और पसियाना पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दी। इससे नाराज अगड़ी जाति के लोगों ने गुरुद्वारे में अगले दिन बैठक की और सभी दलितों के बहिष्कार की घोषणा कर दी।'
बड़े किसानों ने अपने खेतों में दलितों के घुसने पर रोक लगा दी है और उन्हें दूध बेचना भी बंद कर दिया है। ज्यादातर दलितों के पास खेत नहीं है और वे अपने जानवरों के चारे के लिए बड़े किसानों पर निर्भर रहते हैं। धनवंत सिंह कहते हैं, 'हम चन्नो गांव से दूध ला रहे हैं, जो कि यहां से 3-4 किलोमीटर दूर है।' कुछ बड़े किसानों ने सामाजिक बहिष्कार की बात मानी है लेकिन इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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