भारतीय वायु सेना की लेह स्थित सियाचिन पायनियर्स नामक इकाई को विदेशी नागरिक को बचाने के लिए १४ अगस्त, २०१२ को रात्रि नौ बजे संदेश प्राप्त हुआ। इससे पहले सियाचिन पायनियर्स ने ५ अगस्त, २०१२ को चेकोस्लोवाकिया के भाइयों को और १२ अगस्त, २०१२ को फ्रांस के एक नागरिक को सफलता पूर्वक बचाया था ।
दो हेलिकॉप्टरों के इस बचाव दल ने १५ अगस्त (स्वाधीनता दिवस) को प्रातरू साढ़े पांच बजे उडान भरी इस बचाव दल में विंग कमांडर अजय सिंह राजपूत के नेतृत्व में विंग कमांडर पी.एस. बाबू, फलाइट लेफ्टिनेन्ट प्रतीक गुप्ता और फ्लाइट लेफ्टिनेन्ट आशिष कुमार निम शामिल थे। विंग कमांडर अजय सिंह राजपूत ने अपने हेलिकॉप्टर को प्रतिबंधित क्षेत्र में उतारा । फ्लाइट लेफ्टिनेन्ट आशिष कुमार निम बिना कोई समय गंवाए हेलिकॉप्टर से उतरा और ब्रिटिश नागरिक को हेलिकॉप्टर पर चढ़ाने में सहायता दी। इस दौरान विंग कमांडर पी.एस. बाबू ने दूसरे हेलिकॉप्टर से इस ऑपरेशन पर निकट से निगरानी रखी और उनका हेलिकॉप्टर ऊपर ाूमता रहा, ताकि ाायल व्यक्ति और मशीन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सियाचिन पायनियर्स ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए उच्चस्तर के कौशल, आयोजन और साहस का परिचय दिया, जिससे वे अपने मिशन में सफल रहे। बचाव दल को इसका यह पुरस्कार मिला कि लेह के वायु सेना केन्द्र में उतरने पर रोगी श्रीमती लोरना विल्सन ने मुस्कराहट बिखेरते हुए आभार व्यक्त किया।
इस स्वाधीनता दिवस पर लेह स्थित वायु सेना केन्द्र में राष्ट्र की इन पायलट राजदूतों ने एक बार फिर इस वाक्य को सार्थक कर दिया कि हम असंभव तथा कठिन कार्यों रोजमर्रा की तरह करते हैं, पर उसमें थोड़ी ज्यादा देर लग सकती है। पश्चिमी एयर कमांड के एओसी इन सी एयर मार्शल अरूप राहा ने लेह स्थित वायु सेना केन्द्र के एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर कोमोडोर एस. पी. वागले और सियाचिन पायनियर्स के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर यू. के. एस. भदौरिया को इन बचाव मिशनों में उच्च दर्जे का कौशल प्रदर्शित करने के लिए स्वाधीनता दिवस पर विशेषरूप से बधाई दी।