12/08/2012 एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा पर हुआ ट्रायल
गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर टोल कंपनी ने दूसरे दिन शनिवार को दिल्ली की ओर से आने वाली लेन में ट्रायल किया। इस ट्रायल के तहत दिल्ली की ओर से आने वाले रास्ते में 10 कैश लेन में 3 कनोपी लगाई गईं। यहां तैनात कर्मचारियों ने टोल वसूला। शुक्रवार को भी गुड़गांव से दिल्ली जाने वाली लेन पर कनोपी लगाई गई थी। कंपनी प्रवक्ता के अनुसार, यह ट्रायल सफल रहा तो पीक ऑवर्स में यह अभियान चालू रहेगा। सरहौल टोल प्लाजा पर शनिवार सुबह 9 बजे दिल्ली से गुड़गांव की ओर आने वाली लेन पर कनोपी लगाई गई। इन कनोपी में तैनात कर्मचारी टोल से पहले ही कैश वसूल कर मशीन से रसीद दे रहे थे। हालांकि, छुट्टी का दिन होने से अन्य दिनों की तुलना में कम वाहन थे। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, कनोपी के लगने से जाम पर काबू पाने सफलता मिल रही है।
क्या है हाई कोर्ट का ऑर्डर पंजाब एंड हाई कोर्ट ने टोल प्लाजा को निर्देश दिया है कि टोल प्लाजा का निर्माण वाहन चालकों की सुविधा के लिए किया गया है इसलिए यह कंपनी की पूरी जिम्मेदारी बनती है कि वे टोल प्लाजा से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराएं। वाहन चालकों को दिक्कत देकर कंपनी को मुनाफा कमाने का हक नहीं है। कंपनी को इसके लिए किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर वाहन चालकों की सुविधा के मद्देनजर अगर कंपनी अतिरिक्त बूथ नहीं बनाती तो कोर्ट टोल फीस वसूलने पर भी पाबंदी लगा सकता है। क्या कहती है डीसीपीइस मामले में डीसीपी (ट्रैफिक) भारती अरोड़ा का कहना है कि टोल को जाम फ्री बनाने के लिए कंपनी को उन्होंने कई बार लेटर लिख चुकी है। इस मामले में वह कोर्ट को भी अपना लिखित स्टेटमेंट दे चुकी है लेकिन कंपनी की ओर से अब तक किया गया बंदोबस्त काफी नहीं रहा। उनका कहना है कि वर्तमान में टोल प्लॉजा की क्या स्थिति है, इसके बारे में वह अगली सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने की तैयारी कर रही हैं। क्या कहते हैं लोग दिल्ली से गुड़गांव आ रहे अभिमन्यु का कहना है कि कंपनी की टोल पर जाम से राहत दिलाने की कवायद सराहनीय है लेकिन इसका सही आकलन तो तब होगा, जब सामान्य दिनों में टोल पर जाम न लगे। देवेंद्र तनेजा का कहना है कि कंपनी नाटक कर रही है। अगर कंपनी वास्तव में जाम से राहत दिलाने की कोशिश करती तो टोल प्लाजा काफी पहले जाम फ्री बन सकता था। एक अन्य वाहन चालक हेमंत का कहना है कि यह कवायद केवल 2-4 दिनों के लिए दिखावा है। रवींद्र चौबे के अनुसार, कंपनी टोल प्लाजा पर जाम कम करने के लिए वास्तव में गंभीर नहीं है। ट्रैफिक पुलिस और कोर्ट के दबाव मंे यह सब किया जा रहा है।
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