04/08/2012 अन्ना का पुतला फूंका
नई दिल्ली. जंतर मंतर पर अनशन खत्म कर राजनीति में कूदने के फैसले को लेकर अन्ना हजारे अब निशाने पर आ गए हैं। भले ही तमाम सर्वे में लोगों ने टीम अन्ना के राजनीति में आने का स्वागत किया हो, लेकिन अब अन्ना और उनकी टीम पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं। अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में लोग राजनीति में उनके आने का विरोध किया है। अन्ना के करीबी सुरेश पठारे ने कहा है कि अन्ना को राजनीति से दूर रहना चाहिए।
गुजरात के नवसारी में अन्ना और उनकी टीम के साथ अनशन कर रहे उनके समर्थकों ने अन्ना के राजनीति में आने के फैसले का जबर्दस्त विरोध करते हुए अन्ना का पुतला फूंका है। नवसारी में अनशन कर रहे अन्ना समर्थक कन्नू सुखाड़िया ने कहा कि राजनीति में आने की बात कहकर अन्ना ने उनकी भावना को ठेस पहुंचाई है। सुखाड़िया ने कहा कि अब अन्ना के बगैर ही वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे। सिर्फ अन्ना समर्थकों में ही इस मुद्दे पर नाराजगी नहीं है। टीम के सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े और मेधा पाटकर ने भी राजनीतिक विकल्प देने का विरोध किया है। वहीं, पूर्व सहयोगी स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि अन्ना और अरविंद केजरीवाल सरकार गिराना चाहते थे। स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि अनशन खत्म करने पर टीम अन्ना देश से माफी मांगे।
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