03/08/2012 पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पद छोड़ने के बाद एक बार फिर विवादों में
नई दिल्ली।। अपने कार्यकाल में कई बार विवादों से घिरी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पद छोड़ने के बाद एक बार फिर विवादों में हैं। वजह है बतौर राष्ट्रपति उन्हें जितने भी बेशकीमती तोहफे मिले थे वह उन्हें अपने साथ अमरावती लेकर चली गई हैं। संविधान के जानकारों के मुताबिक, यह परंपरा के ठीक उलट है।
जनता की संपत्ति: संविधान के जाने-माने विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि राष्ट्रपति को जो भी तोहफा मिलता है वह तोशखाना में जाता है। ये तोहफे प्रेजिडेंशियल इस्टेट और देश की जनता की संपत्ति होते हैं।
बेशकीमती तोहफे: माना जा रहा है कि पाटिल को अपने कार्यकाल के दौरान 150 से ज्यादा तोहफे मिले। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा की तरफ से दिया गया एक तोहफा और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का सोने का छोटा प्रतीक भी शामिल है।
म्यूजियम की शोभा बढ़ाएंगे: इन सभी तोहफों को अमरावती के विद्याभारती कॉलेज के म्यूजियम में रखा जाएगा। इस कॉलेज ट्रस्ट को पाटिल का परिवार संचालित करता है। सूत्रों का कहना है कि प्रेजिडेंशियल इस्टेट ने इस ट्रस्ट के साथ एक आधिकारिक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इस म्यूजियम में प्रतिभा पाटिल की राजनीतिक यात्रा को दिखाया जाएगा। संभावना है कि म्यूजियम इस साल दिसंबर महीने में खुलेगा।
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