तिहाड़ मे नये नियम लागू होने पर कैदियो को सजा मे मिलेगी छूट
नई दिल्ली- तिहाड़ की जेलों में बंद कैदियों को विचाराधीन अवधि के दौरान उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट दी जाएगी। वर्तमान में यह केवल दोषी ठहराए गए कैदियों को मिलती रही है। तिहाड़ जेल के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने पहली बार ये फैसला लिया है।
जेल अधिकारियों का कहना है कि नया नियम कैदियों के आचरण के आधार पर सजा में छूट देने पर विचार करने की अनुमति देगा। हालांकि, मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद ही उनकी सजा में छूट दी जाएगी। जेल प्रवक्ता के अनुसार यह दिल्ली की जेलों में सुधारात्मक प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम है, जो कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में उनके प्रयासों को मजबूत करेगा।
2021 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल जेल आबादी के संबंध में विचाराधीन कैदियों का प्रतिशत लगभग 77 प्रतिशत था। दिल्ली की जेलों में अंडरट्रायल कैदियों का प्रतिशत राष्ट्रीय प्रतिशत . से भी अधिक है। वर्तमान में यह 90 प्रतिशत से अधिक है। देश भर में ज्यादातर नियम दोषियों के लिए ही बनाए गए हैं। इस तथ्य के बावजूद 90 प्रतिशत से अधिक आबादी विचाराधीन कैदियों की है। अंडरट्रायल कैदियों के लिए अच्छा आचरण बनाए रखने के लिए शायद कोई उचित कारण नहीं है। यही वजह थी कि जेल मैनुअल में एक नया नियम जोड़ा गया।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जेल में एक कैदी द्वारा बिताया गया अधिकांश समय एक अंडरट्रायल के रूप में होता है। नए नियम में कोई भी कैदी, जो साधारण छूट का पात्र है। वह अच्छे आचरण के लिए सजा में छूट के पुरस्कार के लिए पात्र होगा। यह छूट उस अवधि के लिए उसकी वार्षिक अच्छी आचरण रिपोर्ट पर आधारित • होगी। इस नियम से विचाराधीन कैदियों को अनुशासन में रखने और उन्हें सुधार के लिए प्रेरित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। साथ ही जेल प्रशासन का यह भी मानना है कि इस कदम से उन्हें दिल्ली की जेलों में भीड़ कम करने में मदद मिलेगी।