हर तरफ लोग भागते हुए पैदल गंतव्यों पर पहुंच रहे थे। सुबह से रूटों पर बसें और टैक्सियां चलीं, लेकिन सुबह नौ बजते ही सभी निजी बसों चालकों ने बसें रोक दीं। बसों में बैठे सभी यात्रियों को उतार दिया गया, लेकिन लंबे रूट पर जाने वाली बसों को रोका नहीं गया। बल्कि लोकल बसों से सवारियों को उतार कर लंबे रूट की बसों में भेजा गया। परंतु कुछ जगहों पर बस चालकों ने बसे नहीं रोकी। जिसके कारण बाद में एसोसिएशन के सदस्यों ने जबरन बसें रोक दी। राजधानी में सोमवार को टैक्सी और निजी बसों की हड़ताल के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ना।
----------------------
कंधों पर उठाकर लाए स्कूल
स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को अभिभावक कंधों पर उठाकर लाए।
इसके साथ अन्य स्कूली बच्चे सुबह की दौड़ते भागते हुए स्कूल पहुंचे। कुछ स्कूलों में तो बच्चें समय पर नहीं पहुंच पाए। मगर स्कूल प्रबंधन ने देरी से पहुंचने वाले बच्चों को कोई जुर्माना नहीं लिया। हड़ताल के कारण बच्चों सहित अभिभावकों को काफी परेशानियां सामने आई।
----------------
लंबा लगा जाम
शहर में बसों और टैक्सियों की दो घंटे की हड़ताल के कारण काफी देर लंबा जाम लगा रहा है। ट्रैफिक कर्मचारियों को यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी परेशानियों का समाना करना पड़ा। राजधानी के विक्ट्री टनल, संजौली, लक्कड़ बाजार, बालूगंज, ढली, छोटा शिमला, कसुम्पटी आदि में सुबह से ही जाम लग गया। ऐसे में जो लोग घरों से अपने वाहनों में निकले हुए उन्हें भी हड़ताल के कारण प्रभावित होना पड़ा। शहर भर में चारों और जाम ही जाम लगा हुआ था। शहर में एचआरटीसी टैक्सियां भी जाम में फंस गई थी। जिससे लोगों को प्रतिबंधित रास्तों पर
-----------------
150 से अधिक बस टैक्सियां रैली में शामिल
ऑल हिमाचल कर्मिश्यल व्हीकल एसोसिएशन ने सुबह नौ बजे से आरटीओ से रैली आरंभ की। इस रैली में करीब 150 बसें और टैक्सियों शामिल रहीं। ट्रैफिक पुलिस ने रैली के कारण जाम न लगे। इस लिए दो बसों की बीच चार टैक्सियां चलाने की व्यवस्था की थी। रैली आरटीओ से कार्टरोड, छोटा शिमला, संजोली, लक्कड़ बाजार से होते हुए वापस रेलवे स्टेशन पर खत्म हुई। बारिश के कारण यातायात सबसे अधिक प्रभावित हुई।
---------------------
बैठक में तय होगी आगामी रणनीति
ऑल हिमाचल कर्मिश्यल व्हीकल एसोसिएशन की प्रदेश स्तर की बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी। इसी के बाद आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। एसोसिएशन ने बैठक का कोई स्थान और समय अभी तय नहीं किया गया। प्रदेश भर में जिला अध्यक्षों से संपर्क करने के बाद ही अंतिम रूपरेखा आंदोलन की तैयार होगी।
---------------
हम लंबे समय से मांग प्रशासन और सरकार के समक्ष उठा चुके हैं लेकिन कोई भी समाधान नहीं हो पा रहा है। हमने 18 सूत्रीय मांगपत्र परिवहन विभाग को सौंपा है। हर दिन महंगाई बढ़ रही है। डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है। ऐसे में बसों और टैक्सियों के रखरखाव में भारी खर्च उठाना पड़ रहा है, लेकिन किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। प्रदेश स्तर की बैठक एसोसिएशन आगामी कुछ दिनों में करने जा रही है। इसमें आंदोलन की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
जीत राम शर्मा
चैयरमैन
आल हिमाचल कर्मिश्यल व्हीकल एसोसिएशन
------------------
बस और टैक्सी आपरेटर की मांगों पर जल्द ही चर्चा की जाएगी। विभागीय स्तर पर जो भी मांगें पूरी की जा सकती हैं वे सब पूरी की जाएंगी। इसके अलावा किराये में बढ़ोतरी का फैसला सरकार ही ले सकती है। अभी अधिकारियों को आपरेटर की मांगों को स्थिति लेने के बारे में निर्देश दिए गए हैं।
-रितेश चौहान, आयुक्त
परिवहन विभाग हिमाचल प्रदेश
----------------------
मुख्य मांगें
- तीन किलोमीटर तक न्यूनतम किराया दो रुपये से बढ़ाकर पांच रुपये किया जाए। जबकि सामान्य तौर पर 40 फीसदी वृद्धि हो।
- टैक्सी परमिट 15 साल तक वैध हो।
- टैक्सी परमिट कैटागरी के आधार पर न लिया जाए।
- टैक्स का भुगतान सिंगल विंडो में किया जाए।
- शिमला में ट्रैफिक प्लान सुचारू ढंग से लागू किया जाए।
- निजी गाडि़यों को कंपनियों और सरकार क्षेत्र में हायर न किया जाए। केबल टैक्सी की सेवाएं ली जाए।
- पर्यटन स्थलों पर पार्किंग का निर्माण किया जाए।
- डीएसपी कार्यालय कैथू से स्थानांतरण कर पुराने आइएसबीटी स्थापित किया जाए।
- एलटीवी, एचटीवी लाइसेंस फीस कम की जाए।
- शहर में अधिक तादाद में ड्राइविंग स्कूल खोले जाएं।
- एचआरटीसी, आरटीए में निजी आपरेटर भी सदस्य बनाए जाए।
- शहर में टैक्सी और निजी बस के चालक-परिचालक के लिए रेस्ट रूम बनाया जाए।
- शहर में टैक्सी और निजी बसों के लिए बुकिंग केंद्र खोले जाएं।
-चालक व परिचालक को आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए।