छपरा और गोपालगंज में दूषित पानी से 28 बच्चे, शिक्षक और रसोइया बीमार हुए हैं, बच्चों का इलाज पीएमसीएच में चल रहा है। सभी खतरे से बाहर हैं। गोपालगंज में बीमार बच्चे सदर अस्पताल में भर्ती हैं। छपरा में घटना के विरोध में लोगों ने विद्यालय में ही प्रखंड शिक्षा अधिकारी को बंधक बना लिया और बाद में एनएच-102 को जाम कर दिया। पूर्णिया जिले के बेलौरी में प्राथमिक विद्यालय सतडोव के चापाकल का पानी पीने से रसोइया बेहोश हो गई।
जानकारी के अनुसार, छपरा के भेल्दी थाना के मोलनापुर गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में आज चापाकल का पानी पीने से 11 बच्चे बीमार हो गए। पहले सभी को गड़खा पीएचसी में भर्ती कराया गया, पर बाद में पीएमसीएच भेज दिया गया। इनमें एक शिक्षक भी है। जिस चापाकल से बच्चों ने पानी पिया था, उससे एक टिकिया बरामद की गई है। इसकी जांच चल रही है। साढ़े ग्यारह बजे बच्चे चापाकल पर पानी पीने गए थे। पानी पीने के क्रम में टिकिया निकली। बच्चों ने टिकिया को प्रधानाध्यापक सुनील कुमार गुप्ता को दिखाया। प्रधानाध्यापक ने तत्काल सूचना भेल्दी थानाध्यक्ष श्रीचरण राम को दी। वे पहुंचे और टिकिया को जब्त कर लिया। इसी बीच कुछ बच्चों ने उल्टी की शिकायत की। थानाध्यक्ष ने बच्चों को गड़खा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रामसेवक राम विद्यालय पहुंचे तो वहां अभिभावकों ने उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद लोग सड़क पर आ गए और छपरा-मुजफ्फरपुर (एचएच-102) मार्ग को जाम कर दिया। अस्पताल पहुंचे जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा व सिविल सर्जन विनय कुमार यादव ने बच्चों को पीएमसीएच भेजने का निर्देश दिया। पीएमसीएच में शाम 5:30 बजे तक बच्चे व शिक्षक पहुंच गए।
यूनिट हेड डा. शीला सिन्हा के अनुसार, डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे थे। इसी आधार पर इलाज किया गया। शाम को बच्चों को खिचड़ी, दूध व बिस्कुट दिया गया। अधीक्षक डा. अमरकांत झा अमर ने बताया कि बच्चों की हालत देखते हुए इन्हें देर रात्रि घर भेजा जा सकता है। पीएमसीएच पहुंचे मिड डे मील के निदेशक आर लक्ष्मणन ने कहा कि अब पानी में जहर मिलाने की बात सामने आ रही है। लगातार ऐसी घटनाओं से खौफ फैल रहा है। उधर, गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय असंदी महुअवां में चापाकल का पानी पीने से छात्रों समेत 20 लोग बीमार हो गए। इनमें प्रधानाध्यापिका व रसोइया भी हैं। सभी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट ले जाया गया। जहां से प्रधानाध्यापिका, रसोइया व पांच बच्चों को सदर अस्पताल भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने पानी का सैंपल लेते हुए चापाकल को सील कर दिया। प्रधानाध्यापिका अहमदी खातून ने बताया कि उन्होंने स्वयं पानी पिया तो उनका सिर घूमने लगा और वह गिर पड़ीं।
सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड के राजपुर गांव में एक बस्ती में बृहस्पतिवार की सुबह एक चापाकल में जहरीला पदार्थ डाले जाने की खबर पर हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि कोई अनहोनी नहीं हुई। चापाकल से पानी का नमूना लेने के बाद उसे सील कर दिया गया।
पूर्णिया के बेलौरी में प्राथमिक विद्यालय सतडोव के चापाकल का पानी पीने से रसोइया सरिता देवी बेहोश हो गई। उसे सदर अस्पताल पूर्णिया में दाखिल कराया गया। पानी के नमूने को जांच के लिए भेजा गया है। घटना के बाद विद्यालय में बने भोजन को बच्चों को नहीं परोसा गया।