इस संबंध में जानकारी देते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के प्रवक्ता ने बताया कि इस दौरान अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री सैल्सियस तथा न्यूनतम 26 से 28 डिग्री सैल्सियस रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि 6 से 11 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से हवाएं चलने की सम्भावना है।
सम्भावित मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि नरमा कपास में निराई गुढ़ाई कर नमी को सिंचित करें व घास निकाल दें। नमी अधिक होने के कारण नरमा की फसल पर तेले व सूंडी, कीड़ों का प्रकोप हो सकता है, यदि ऐसा हो तो विश्वविद्यालय से सिफारिश की गई कीटनाशक दवाईयों से मौसम साफ रहने पर सप्रे करें। प्रवक्ता ने बताया कि धान वहीं लगाएं जहां नहर व टयूबवैल का पानी सिचांई के लिए उचित मात्रा में उपलब्ध है, वहां अब कम अवधि वाली धान की किस्मों को ही लगाएं। उन्होंने बताया कि इस दौरान सब्जियों व फलदार पौधों में निराई गुढ़ाई करें। नए फलदार पौधे खेतों में लगाने का उचित समय है और इन्हें ज्यादा से ज्यादा लगाएं।
पशु देखभाल संबंधी सलाह देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि पशुओं के चारे के लिए बाजरा, ज्वार, मकचरी, लोबिया, सुडान घास आदि मिलाकर बोएं। पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी किस्म का खनिज मिश्रण 50 से 100 ग्राम प्रति पशु दुधारु पशुओं को दें।