31/07/2013 साहित्यकार का काम समाज को जागरूक करना- मुंशी प्रेमचंद
चण्डीगढ़-हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के उपाध्यक्ष व कथाकार कमलेश भारतीय ने कहा है कि मुंशी प्रेमचंद ने सबसे बड़ा संदेश यही दिया कि साहित्यकार का काम समाज को जागरूक करना है। उनका कहना था कि साहित्यकार का काम समाज को जगाना है, सुलाना नहीं।
वे हरियाणा ग्रन्थ अकादमी द्वारा मुंशी प्रेमचंद जयंती गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। श्री भारतीय ने बताया कि कथा समय का जुलाई अंक प्रेमचंद स्मृति अंक के रूप में प्रकाशित किया गया है। इस अवसर पर प्रसिद्घ रचनाकार फूलचंद मानव मुख्यातिथि थे। उन्होंने कहा कि हिंदी कथा व उपन्यास साहित्य का मार्ग मुंशी प्रेमचंद ने ही प्रशस्त किया, जिस पर आने वाले लेखक चलें। गोष्ठी के प्रारम्भ में मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर ग्रन्थ अकादमी के सभी कर्मचारियों ने पुष्पार्पित कर उन्हें स्मरण किया। गोष्ठी में जसराम तंवर (संपादक), धर्मेंद्र सिंह, मोनिका वाशिष्ठ, दिनेश पाराशर, रोशन वर्मा, चंद्रभान, मोनिका, रीतू, अंजू कक्कड़, रूपेश, पंकज शर्मा, श्रीनिवास आदि मौजूद थे।
|