12/07/2013 ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सही स्थिति का आकलन दर्ज हो
भोपाल :लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं सलाहकारों की आज यहाँ प्रशासन अकादमी में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा
कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वास्थ्य इकाइयों और ग्रामीणों के स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी वास्तविकता का सही आकलन एवं उसका पंजीकरण निर्धारित प्रारूप में दर्ज किया जाये। यह कार्य ग्राम्य आरोग्य केन्द्र से लेकर उप स्वास्थ्य केन्द्रों और विकासखण्ड स्तर तक के अस्पतालों में हो। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल, मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की संचालक श्रीमती एम. गीता सहित स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाएँ यूनीसेफ, यू.एन.एफ.बी.ए., एम.पी. टास्ट, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एन.आई.एच.यू.पी., बी.बी.सी. केयर, जपाईगो एवं आईपास के लगभग 100 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे। श्री कृष्ण ने कहा कि सहयोगी संस्थाओं के जो स्टॉफकर्मी जहाँ के लिये पदस्थ हैं, उनकी वहाँ उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिये। स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मियों की यह भी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य इकाइयों में जिस सामग्री की भी आवश्यकता है, वह वहाँ उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन के निर्देशों की पुस्तिका एफ.एम.आई. के अनुसार आवश्यक धनराशि संबंधित स्वास्थ्य इकाई के लिये आवश्यक धनराशि का व्यय करें। उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर तक आवंटित बजट का व्यय सुनिश्चित कर लें। उन्होंने यह भी कहा कि गत माह में प्रदेश के सभी जिलों के भ्रमण के दौरान जो कमियाँ पाई गईं थीं, वह सभी 7 दिन में पूरी जो जाना चाहिये। इनमें जंग लगी टेबल, टूटे पलंग, साफ-सफाई, मरीजों के लिये आवश्यक दवा, भोजन, परिवहन, सुरक्षा में दिशा-निर्देशों के अनुसार सुधार हो। यह स्वास्थ्य इकाइयों से जुड़े सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है। प्रमुख सचिव ने विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की उनके कार्य-स्थल से अन्यत्र अटैचमेंट व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पूर्णतः प्रतिबंधित हो। उन्होंने कहा कि अपने कार्य-स्थल तथा मुख्यालय से अनुपस्थित व्यक्तियों का वेतन रोकने के साथ कड़ी कार्यवाही होगी। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया जायेगा।
|