14/01/2012 आपत्तिजनक सामग्रियों वाली वेबसाइटों पर कार्रवाई का आदेश
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आपत्तिजनक सामग्रियों का बढ़ावा देने के आरोप पर फेसबुक एवं गूगल सहित 21 सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी।
दिल्ली की एक अदालत में सरकार की ओर से पेश एक रिपोर्ट में कहा गया, ""सरकार इससे संतुष्ट है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने), 153बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान) और 295ए (जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं, विश्वासों को ठेस पहुंचाने) के तहत कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।""
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महानगर दंडाधिकारी सुदेश कुमार के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। दंडाधिकारी ने शिकायत याचिका में दर्ज 21 कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी। अदालत ने कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्रियों के जरिए राष्ट्रीय हित एवं एकता और राष्ट्रीय सद्भाव बिग़ाडने पर यह आदेश दिया।
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों की प्रतिनिधियों के साथ हुई अपनी चार बैठकों का भी ब्योरा दिया जिसमें मंत्रालय ने प्रतिनिधियों का ध्यान आपत्तिजनक एवं अपमानजनक सामग्रियों की तरफ दिलाया और उनसे इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए कहा। इसके पहले दिन में मामले की सुनवाई 13 मार्च तक स्थगित कर दी गई। साथ ही अदालत ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह विदेश स्थित सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों को सम्मन जारी करे।
याचिकाकर्ता विनोद राय ने अदालत से 21 सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों से आपत्तिजनक सामग्रियों को हटवाने का अनुरोध किया था। इनमें से 12 वेबसाइटें विदेशी कम्पनियों की हैं। वहीं, अदालत में मौजूद फेसबुक, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, याहू इंडिया और अन्य वेबसाइट्स के प्रतिनिधियों ने इस आधार पर छूट मांगी कि यह मामला अभी दिल्ली उच्चा न्यायालय में लम्बित है और इस पर सोमवार को सुनवाई होने वाली है।
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