10/07/2013 मार्किटिंग का गैर-एकाधिकार (नॉन एक्सक्लूसिव) लाइसेंस दिया गया
चण्डीगढ़, 10 जुलाई - हैदराबाद की एक प्राईवेट बीज कंपनी जे.के. एग्री जिनेटिक्स लिमिटिड चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार द्वारा विकसित मक्का की दो संकर किस्मों एचक्यूपीएम-1
तथा एचक्यूपीएम.5 का बीज उत्पादन करके उनकी मार्किटिंग करेगी। इस आशय का आज हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा इस बीज कंपनी के बीच एक अनुबंध हुआ है। अनुबंध में इस कंपनी को मक्का की उपरोक्त संकर किस्मों के बीज उत्पादन व उसकी मार्किटिंग का गैर.एकाधिकार ;नॉन एक्सक्लूसिवद्ध लाइसेंस दिया गया है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालयए हिसार की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉण् एसण्एसण् सिवाच जबकि जेण्केण् एग्री जिनेटिक्स लिण् कंपनी की ओर से जनरल मैनेजर ;आर एण्ड डीद्ध डॉण् सुनील कुमार भट्ट ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बोलते हुए डॉण् सिवाच ने कहा कि विश्वविद्यालय में विकसित किए गए मक्का के इन संकरों की पूरे देश में खेती की जा सकती है। इन संकरों की विशेषता यह है कि ये लीफ ब्लाईट व कॉमन रस्ट रोगों तथा चीलो पारटैलस कीट के प्रति सहनशील हैं। उन्होंने बताया कि एचक्यूपीएम.1 संकर की खरीफ मौसम में औसत दाना उत्पादन क्षमता 55 क्ंिवटल प्रति हैक्टेयर जबकि एचक्यूपीएम.5 की उत्पादन क्षमता 58 क्ंिवटल प्रति हैक्टेयर है। बिजनेस प्लॉनिंग एंड डवैल्पमैंट यूनिट के मुख्य अंवेषक डॉण् एसण्केण् सेठी ने बताया कि विश्वविद्यालय अब तक मक्का का बीज उत्पादन व मार्किटिंग के लिए 15 प्राईवेट कंपनियों के साथ अनुबंध कर चुका है। इनमें से 10 अनुबंध केवल मक्का की उपरोक्त संकर किस्मों के लिए किए गए हैं। यहां उल्लेखनीय है कि यह बीज कंपनी इससे पूर्व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालयएहिसार द्वारा विकसित गेहूं की दो उन्नत किस्मों डब्ल्यूएच.1021 तथा डब्ल्यूएच.1080 का बीज तैयार करने व उसकी मार्किटिंग के लिए भी अनुबंध कर चुकी है इस मौके पर विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉण् एचण्पीण् यादवए क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रए उचानी ;करनालद्ध के निदेशक डॉण् जेण्सीण् महलाए जेण्केण् एग्री जिनेटिक्स लिण् कंपनी के एसिस्टैंट मैनेजर श्री विपुल कुमार बाल्यान आदि उपस्थित थे।
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