06/07/2013 यूपीए-3 की रणनीति तैयार, नीतीश-माया होंगे नए साथी!
नई दिल्ली। कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव और यूपीए-3 के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ पांच राज्यों में कांग्रेस का चुनावी गठबंधन इसका ताजा उदाहरण है। संभावित यूपीए-3 सरकार में नीतीश कुमार और मायावती नए साथी हो सकते हैं। यह यूपीए-3 की सरकार बनाने की नई व्यूह रचना है, जिसे कांग्रेस रणनीतिकारों ने पार्टी के जयपुर अधिवेशन के बाद तैयार किया है।
इसके तहत बिहार में नीतीश कुमार के साथ दोस्ती, झारखंड में शिबू सोरेन से गठबंधन में कांग्रेस को कामयाबी मिल गई है। वहीं उत्तर प्रदेश में मायावती के साथ अघोषित दोस्ती पर भी बातचीत जारी है। इसके लिए मायावती के खास और बसपा महासचिव सतीश मिश्र को औरंगजेब रोड पर बंगले का आवंटन व आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल को केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत देकर बसपा प्रमुख को खुश करने की कोशिश की गई है। वहीं, केंद्र और कांग्रेस को लेकर मायावती के तेवर भी नरम हैं। इसके तहत कांग्रेस उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार और भाजपा पर ही निशाना साधेगी, मायावती के प्रति नरम रुख रखेगी। इससे चुनाव के बाद बसपा के समर्थन का दरवाजा खुला रहेगा। कांग्रेस के कुछ नेता आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन रेड्डी की मां को भी कांग्रेस के साथ पुरानी कटुता भुलाने के लिए राजी करने में जुटे हैं। कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि ये सब चीजें नई रणनीति के तहत तय की गई हैं, जिन राज्यों में विपक्षी दलों के साथ सीधे संघर्ष में कांग्रेस नहीं है, वहां नए सहयोगी बनाए जाए। इसमें चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाले और चुनाव के बाद साथ आने वाले दोनों तरह के सहयोगी शामिल हैं। कांग्रेस की इस योजना को पहली कामयाबी बिहार में मिली है, जहां जनता दल (यूनाइटेड) का भाजपा से 17 साल पुराना गठबंधन टूट गया। हालाकि जद(यू) ने अभी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके यूपीए में शामिल होने का फैसला नहीं किया है, लेकिन जिस तरह कांग्रेस के चार विधायकों ने विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार के विश्वासमत का समर्थन किया, उससे कांग्रेस और जद(यू) करीब आए हैं। बिहार को लेकर केंद्र सरकार का रुख खासा दोस्ताना हो गया है। केंद्र ने बिहार को 50 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का फैसला करके अतिरिक्त बिजली देने की नीतीश कुमार की लंबित मांग मान ली है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बिहार सरकार की मांग पर भी केंद्र द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार जल्द फैसला लेगी। ऑपरेशन बिहार के बाद कांग्रेस रणनीतिकारों ने झारखंड का रुख किया और झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन पर डोरे डाले। झारखंड में कांग्रेस न सिर्फ सत्ता में हिस्सेदारी करने में कामयाब हुई, बल्कि लोकसभा चुनाव में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उत्तर भारत के अन्य राज्यों राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन बना रहेगा। उड़ीसा और पश्चिम बंगाल मे भी पार्टी झामुमो के साथ चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ गठबंधन बना रहेगा। गुजरात में कांग्रेस अकेले लड़ेगी। दक्षिण भारत में तमिलनाडु में राज्यसभा के लिए करुणानिधि की बेटी कनीमोझी का समर्थन करके कांग्रेस ने डीएमके के साथ फिर रिश्ते सुधार लिए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस द्रमुक के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन भी कर सकती है। केरल और कर्नाटक में पार्टी अपने बूते पर लड़ेगी, लेकिन आंध्र प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस तेलंगाना कार्ड भी खेल सकती है।
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