06/06/2013 विश्व पर्यावरण दिवस : �सोचो, खाओ, बचाओ�
आज विश्व पर्यावरण दिवस है। वर्ष 1972 में मानवीय पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर 5 जून को �विश्व पर्यावरण दिवस� के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर आज यहां पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने एक समारोह का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण एवं वन मंत्री जयंती नटराजन ने की। जयंती नटराजन ने कहा कि जब तक पर्यावरण को महत्व नहीं दिया जाएगा, सतत विकास संभव नहीं है। उन्होंने रोजमर्रा के जीवन में सतत विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का कोई विकल्प नहीं है। विश्व पर्यावरण दिवस की थीम �सोचो, खाओ, बचाओ� का उल्लेख करते हुए नटराजन ने कहा कि हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हम जिस प्रकार का भोजन करते हैं उसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पडता है। उन्होंने कहा अगर भोजन की बर्बादी होती है तो इसका मतलब है कि हम अपने संसाधनों और खाद्य उत्पादन को बर्बाद कर रहे हैं। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. कस्तूरीरंगन प्रमुख वक्तव्य दिया। समारोह में पर्यावरण एवं वन सचिव डॉ. वी. राजगोपालन, संयुक्त राष्ट्र आवासीय सह संयोजक लिज़े ग्रांडे और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मौजूद थे। नटराजन ने नई दिल्ली की अरूंधति श्रीवास्तव को �वर्ष का युवा पर्यावरणविद् पुरस्कार � 2013� प्रदान किया।
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