इस कंपनी ने 2011-12 में 63.5 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। कंपनी ने ज्यादातर रेवेन्यू अपने अहम क्लाइंट धोनी की बदौलत ही हासिल किया। जुलाई 2010 में धोनी ने रीति के साथ 210 करोड़ रुपए में 3 साल के लिए डील की। धोनी एंडोर्समेंट करते हैं, उनके क्लाइंट्स रीति को भुगतान करते हैं, जो कमिशन लेकर धोनी को बाकी पैसे देती है। 2012-13 में धोनी 100 करोड़ के ब्रैंड बन गए। साथ ही, धोनी, पांडे और रीति कई और बिजनस वेंचर में पार्टनर बने। ऐसे में 3 लाख की राशि बेहद मामूली जान पड़ती है।
वैल्यूएशन का फैसला कैसे हुआ?
15 फीसदी स्टेक के लिए 3 लाख रुपए के हिसाब से रीति स्पोर्ट्स की कुल वैल्यू करीब 20 लाख रुपए लगाई गई। बैलेंस शीट में इसका फ्री कैश इस वैल्यूएशन का दोगुना है। 2011-12 में इसे 63.5 करोड़ रुपए के रेवेन्यू पर 2.5 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ था। देश की स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनियों में इसका पोर्टफोलियो बेस्ट है। धोनी के अलावा सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, प्रज्ञान ओझा और साइना नेहवाल का काम भी यह मैनेज करती है।
रीति ने शेयर बायबैक क्यों नहीं किया?
रिलीज के मुताबिक, कंपनी ने धोनी की बकाया रकम क्लीयर कर दी है। धोनी की शेयरहोल्डिंग 26 अप्रैल को, अलॉटमेंट के 35 दिनों बाद प्रमोटर अरुण पांडे को ट्रांसफर कर दी गई।
धोनी ने किस कीमत पर पांडे को अपने शेयर बेचे?
पांडे ने धोनी का 15.1 फीसदी स्टेक अक्वायर करने के लिए कितनी रकम चुकाई? यह जानकारी कंपनी ने 3 जूनकी अपनी रिलीज में नहीं दी है और न ही यह एमसीए को दी गई कंपनी की फाइलिंग में है।