01/06/2013 पत्नी की पेशी: कानूनी विकल्प तलाशेंगे करुणानिधि
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम करुणानिधि ने आज कहा कि टू जी स्पैक्ट्रम मामले में उनकी पत्नी को गवाह के तौर पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट देने की मांग संबंधी याचिका पर अदालत का आदेश अंतिम नहीं है तथा इस मामले और कानूनी विकल्पों की तलाश की जाएगी। करुणानिधि ने कहा कि उनकी पत्नी दयालु अम्मल के स्वास्थ्य के बारे में तमिलनाडु में सभी लोग जानते हैं और वह हवाई यात्रा नहीं कर सकती। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी के सभी चिकित्सकीय प्रमाण पत्र अदालत के समक्ष पेश कर दिए गए हैं और अपील की गई है कि केंद्र सरकार के अस्पताल का चिकित्सकीय दल उनकी जांच कर सकता है और उनकी बात को प्रमाणित कर सकता है। इसका पूरा खर्च वह वहन करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी इसे स्वीकार कर लिया था लेकिन यह अस्पष्ट है कि न्यायाधीश ने व्यक्तिगत पेशी का आदेश क्यों दिया। 89 वर्षीय नेता ने संवाददाताओं से कहा, "न्यायाधीश का आदेश अंतिम नहीं है इसलिए वकीलों से विचार विमर्श करने के बाद आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। इसके बाद भी यदि यह कहा जाता है कि मेरी पत्नी व्यक्तिगत रूप से पेश हों और यदि उनका स्वास्थ्य और बिगड़ जाता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उल्लेखनीय है कि अदालत ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए 82 वर्षीय अम्मल की ओर से दाखिल दो याचिकाओं को कल खारिज कर दिया था। अम्माल ने स्वास्थ्य ठीक न होने के आधार पर छूट चाही थी।
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