मौजूदा कार्यकारी सह अध्यक्ष एस गोपालकृष्णन को कार्यकारी उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि संस्थापकों में एक एसडी शिबूलाल मुख्य कार्यकारी पर पर बने रहेंगे। उल्लेखनीय है कि 1981 में सात इंजीनियों ने 250 डालर जमाकर इन्फोसिस की शुरूआत की थी। अगस्त में 67 साल के होने जा रहे नारायणमूर्ति ने इन्फोसिस में अपनी वापसी को बहुत असामान्य घटना बताया और कहा कि उन्होंने सपने भी नहीं सोचा था कि उन्हें फिर से कंपनी की कमान संभालनी पड़ेगी। उन्होंने अपनी नयी पारी को रोमांचकारी पर एक नयी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि वह शिबूलाल की भूमिका में मूल्यवर्धन करेंगे। उनका मानना है कि कंपनी को बड़े ऐप्लिकेशन के विकास, मरम्मत और स्वतंत्र वैधता सेवाओं पर केंद्रित करना चाहिए। बैंकिंग बाजार के पुराने दिग्गज के वी कामत कंपनी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष पद से हट गए है। वह अब कंपनी के निदेशक मंडल में प्रमुख स्वतंत्र निदेशक होंगे। कामत ने कहा, निदेशक मंडल ने प्रौद्योगिकी उद्योग और कंपनी की चुनौतियों को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है।
मूर्ति ने कहा कि उनके पुत्र रोहन की कंपनी में नेतृत्व से जुड़ी कोई भूमिका नहीं होगी। कामत ने कहा, मूर्ति की उद्यमशीलता, नेतृत्व क्षमता और एवं तकनीक क्षेत्र की अगुवाई में उनका लंबा अनुभव कंपनी का नेतृत्व करने के लिए उत्कृष्ट है। कंपनी को इस कठिन समय में उनकी रणनीतिक निर्देशन में कार्य करने की आवश्यकता है।" मूर्ति ने कहा, उनकी नियुक्ति अप्रत्याशित है और यह एक बड़ी असामान्य बात रही। उन्होंने इन्फोसिस को अपने बच्चे जैसा बताया और कहा कि मैं अपनी सभी योजनाओं को छोड़ कर इस जिम्मेदारी का स्वीकार करता हूं।"
उन्होंने कहा, मैं एम वी कामत, चेयरमैन एवं निदेशक मंडल और इन्फोसिस के प्रत्येक कर्मचारी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह अवसर प्रदान किया। इस चुनौतीपूर्ण समय में मैं कंपनी के मानदंडो को और आगे ले जाने के लिए अपनी पूरी क्षमता से कार्य करूंगा।" भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता पिछले दो साल से संकट का सामना कर रही है क्योंकि उसके अमेरिका और यूरोप के ग्राहकों ने खर्च में कटौती की है और वह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से पिछड़ती जा रही है। इसके अलावा कंपनी के छोटे प्रतिद्वंद्वी एचसीएल टेक्नोलाजीज और विप्रो भी आर्डर के मामले में उसे कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप में खर्च में कटौती के मद्देनजर कंपनी की अप्रैल की बिक्री उसके अपने अनुमान से भी कम रही। सालाना सात अरब डालर से अधिक का करोबार कर रही इस कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में अपनी आय में 6-10 प्रतिशत की वृद्धि का रहने का अनुमान लगाया है जबकि सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों के संगठन नास्काम का अनुमान है कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर सेवा उद्योग की चालू वित्त वर्ष की वृद्धि 12-14 प्रतिशत के बीच रहेगी।