31/05/2013 रोहतक को धुम्रपान मुक्त बनाया जायेगा
चंडीगढ़:विश्व तम्बाकू निषेध दिवस, हरियाणा सरकार ने प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला पंचकूला को धुम्रपान मुक्त बनाने की पहल की है और अब कार्यक्रम के दूसरे चरण में चार अन्य जिलों नामतः करनाल, कुरूक्षेत्र, सिरसा तथा रोहतक को धुम्रपान मुक्त बनाया जायेगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर जारी एक संदेश में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्वभर में लोगों को धूम्रपान के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्र्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय तंबाकू विज्ञापन, संवर्धन और प्रायोजन पर प्रतिबंध है ताकि तंबाकू उत्पादों का किसी भी प्रकार से प्रचार को हतोत्साहित किया जा सके। हरियाणा में 23.7 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी प्रकार से तम्बाकू का सेवन करते है, जिसमें से 17.3 प्रतिशत लोग धुम्रपान के रूप में तम्बाकू का प्रयोग करते है जबकि शेष धुम्रपान रहित तम्बाकू का सेवन करते है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सहित पूरे देश में वर्ष 2008 में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन निषेध, एवं व्यापार और वाणिज्य विनियमन, आपूर्ति तथा वितरण) अधिनियम, 2003 लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत तंबाकू वाले सभी उत्पाद आते हैं जैसे कि सिगरेट, सिगार, बीडी, गुटखा, तंबाकू वाला पान मसाला, खैनी, मावा, मिशरी, सलफ इत्यादि हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि धूम्रपान की शुरूआत किशोरावस्था से होती है। बच्चे अक्सर बड़ों की देखादेखी या अपने आप को बड़ा साबित करने के लिए धूम्रपान एवं नशा करते है। मंत्री ने बताया कि देश में हर वर्ष 7 से 8 लाख लोगों की मृत्यु तम्बाकू से उत्पन्न हुई बीमारियों के कारण होती है। 30 प्रतिशत कैंसर से मृत्यु और 40 प्रतिशत दिल और फेफड़े की अनियमितता होने के कारण लोगों की मृत्यु होती है, जबकि टीबी और अन्य सम्बन्धित रोगों के लिए तम्बाकू जिम्मेदार होता है और 90 प्रतिशत मुंह के कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू ही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि तंबाकू एवं धूम्रपान को छोड़ने के लिए अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दें और परिवार वालों को चाहिए कि वे धूम्रपान छुड़वाने के लिए व्यक्ति को सहयोग एवं प्रोत्साहित करें ताकि प्रदेश को धुम्रपान मुक्त प्रदेश बनाया जा सके।
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