डीसीपी (साउथ) भोला शंकर जायसवाल के मुताबिक, चेन्नै पुलिस लीना और उसके बॉयफ्रेंड बालाजी शेखर रेड्डी की तलाश में दिल्ली आई हुई थी। उनकी मदद के लिए साउथ दिल्ली पुलिस की टीम बनाई गई। पुलिस को जानकारी मिली कि लीना और बालाजी वसंत कुंज के ऐंबियंस मॉल में आए हुए हैं। मॉल के बाहर पुलिस को लीना की सुरक्षा में छह बाउंसर खड़े मिले। लीना को महिला पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया। बाउंसरों ने इसका विरोध किया। पुलिसकर्मियों ने सभी बाउंसरों को भी दबोच लिया। उनकी तलाशी में लाइसेंसी पिस्तौलें बरामद हुईं। लीना को पकड़े जाते देखकर बालाजी अपनी लैंड क्रूजर कार में फरार हो गया। उसकी गाड़ी पर महाराष्ट्र के रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट लगी है। पुलिस लीना को लेकर साउथ दिल्ली के असोला में खारी फार्महाउस पहुंची। यहां लीना और बालाजी एक महीने से रह रहे थे। इन्होंने यह फार्महाउस चार लाख रुपये महीने के किराए पर असोला गांव के महेंद्र सिंह से लिया हुआ था। वे नौ लग्जरी गाड़ियों के बेड़े के साथ रह रहे थे। उनके पास आधा दर्जन बाउंसर भी थे।
बाउंसरों के हथियारों के लाइसेंस जम्मू और हरियाणा से जारी हुए थे। लाइसेंस ऑल इंडिया के लिए जारी कराए गए हैं, लेकिन दिल्ली में एक महीने से ज्यादा वक्त होने के बावजूद इन्हें दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग ब्रांच में रजिस्टर्ड नहीं कराया गया था। इस वजह से फतेहपुर बेरी थाने में आर्म्स ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। फार्महाउस से 81 रिस्ट वॉच भी बरामद की गईं।
डीसीपी के अनुसार, लीना और बालाजी के खिलाफ चेन्नै में चीटिंग के दो केस दर्ज हैं। केनरा बैंक से 19 करोड़ रुपये की चीटिंग की गई है। दूसरे केस में, बालाजी ने खुद को आईएएस अफसर बताकर लीना की मदद से कुछ लोगों के साथ 76 लाख रुपये की चीटिंग की थी। दोनों केसों में चेन्नै पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच उनकी तलाश कर रही थी। लीना को चेन्नै पुलिस के हवाले कर दिया गया है। बालाजी की तलाश की जा रही है।