सूत्रों ने बताया कि नक्सली हमले के दो चश्मदीद गवाहों ने सीआरपीएफ के कोबरा कमांडोज को ये जानकारी दी है। अब नक्सलियों के निशाने पर छत्तीसगढ़ सरकार जानकारी में बताया गया है कि 10 से 12 महिला नक्सलियों ने कर्मा के पहचान बताने के बाद भी अन्य कांग्रेसी नेताओं से उसकी पुष्टि की।
जब नक्सलियों को इस बात का भरोसा हो गया कि यही कर्मा है तो उन्होंने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया और अपने सबसे बड़े दुश्मन कर्मा को अधिक से अधिक दर्द देने के पैंतरे अपनाने लगे। चश्मदीदों के हवाले से सीआरपीएफ कमांडो ने बताया कि महिला नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा को एक तरफ ले जाकर चारों ओर से घेर लिया और उनकी आखिरी इच्छा पूछी।
कर्मा से पूछा गया कि आखिरी घड़ी में वह नए कपड़े पहनना पसंद करेंगे या खाना खाना। एक नक्सली को उनकी गाड़ी से लंच लाने के लिए भी कहा गया था, लेकिन कर्मा बिल्कुल चुप बैठे थे। उसके हाथों को पीछे से बांध दिया गया। फिर एक नक्सली ने उसके पीठ पर गोली मारी लेकिन वह नीचे नहीं गिरे। दूसरे नक्सलियों ने उन्हें थप्पड़ मारा और जमीन पर तड़पने के लिए छोड़ दिया।
हालांकि नक्सली पहले ही इस हमले की जिम्मेदारी ले चुके हैं। नक्सलियों ने दावा किया है कि उनका मकसद सलवा जुडूम के लिए महेंद्र कर्मा को सजा देना था। इसलिए नक्सलियों को ये करना ही था।