उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि जब तक वे पार्टी के भीतर बैठे कुछ लोग जो पार्टी को खोखला कर रहे हैं उनका पर्दाफाश नहीं कर देते हैं वे चैन से नहीं बैठेंगे। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि काले धन के खिलाफ चलाई गई उनकी मुहिम के चलते उन्हें पार्टी से निकाला गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें निकाल कर मुर्खता की है।
जेठमलानी ने आरोप लगाया है कि पार्टी में कुछ लोग हैं जो काले धन पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं और इसे अपराधियों से बरामद नहीं करना चाहते हैं। गौरतलब है कि मंगलवार को जेठमलानी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
हालांकि राम जेठमलानी अपनी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ पहले भी कई बार नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर उनके समर्थन में जेठमलानी काफी मुखर रहे हैं। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के मसले पर बयान देकर जेठमलानी अपनी ही पार्टी के लिए गले की फांस बन गए थे।