विश्व तंबाकू विरोधी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने कहा कि गुटखा, तंबाकू और पान मसाला पर राज्य में प्रतिबंध जारी रहेगा। गुटखा और पान मसाला पर लगे प्रतिबंध को सफल बनाने के लिए इसमें सार्वजनिक भागीदारी की हिमायत करते हुए पवार ने कहा कि इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला केबिनेट की एक बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
सरकार ने कहा था कि शुरू में यह प्रतिबंध एक वर्ष तक प्रभावी होगा और उसके बाद इसे 12 महीने के लिए और बढ़ा दिया जाएगा। आंकड़ों से पता चलता है कि गुटखा मुंह की बीमारियों जैसे कैंसर आदि के प्रमुख कारणों में से एक है। राज्य ने 2002 में और उसके बाद 2008 में गुटखा पर रोक लगाने का प्रयास किया था, लेकिन उसे बहुत सी कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2010 में राज्य में स्कूलों और कालेजों के 100 मीटर के दायरे में गुटखा और सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले वर्ष जून में एक सार्वजनिक मंच पर पवार ने खुलेआम गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने की हिमायत करते हुए कहा था कि अगर इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने से सरकार को 100 करोड़ रुपए का नुकसान भी होता है तब भी परवाह नहीं। उन्होंने कहा था, युवकों की जान से समझौता स्वीकार्य नहीं।