तलवार दंपती ने उनकी बेटी आरूषि व नौकर हेमराज की हत्या के मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी अरूण कुमार सहित 14 गवाहों के बयान दर्ज कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। इससे पहले न्यायालय ने तलवार दंपती की पहली याचिका 13 मई को यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाएं।
न्यायालय ने होईकोर्ट गए बिना सीधे सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए तलवार दंपती को आडे हाथों भी लिया था। इसके बाद दम्पती ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रूख किया था, जिसने निचली अदालत के फैसले को जायज ठहराते हुए याचिका निरस्त कर दी थी।
उसके बाद ये लोग शीर्ष अदालत के समक्ष फरियाद लेकर पहुंचे थे। तलवार चाहते थे कि निचली अदालत 14 लोगों को बतौर अभियोजन गवाह समन करे ताकि उनके वकील इनसे जिरह कर सकें। इन गवाहों को सीबीआई ने छोड़ दिया है।
एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने तलवार की याचिका पर दखल देने से इनकार कर दिया। तलवार दंपती ने अपनी याचिका में कहा था कि कई गवाहों को कोर्ट में बुलाया जाना चाहिए। निचली अदालत ने उनकी यह बात नहीं मानी थी। इससे पहले भी इस डबल मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तलवार की याचिका सुनने से इनकार कर दिया था।