जापानी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए लुभाने के मिशन पर आए सिंह ने जापानी उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अगले साल तक उचित तरीके से लागू कर दिया जाएगा। जीएसटी की प्रतीक्षा लम्बे समय से है। फिलहाल राज्यों की कुछ आपत्तियों के चलते यह नयी कर प्रणाली लागू नहीं हो सकी है। जापानी उद्यमियों ने प्रधानमंत्री से कुछ खोजपर सवाल भी पूछे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत में संघीय प्रणाली है। उसमें राज्यों को कराधान का अधिकार छोड़ने के लिए राजी करना आसान काम नहीं है। लेकिन मुझे भरोसा है कि हम बाधा पार कर लेंगे। हम इस पर काम कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा राज्यों को इसके लिए राजी करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है और साथ ही ज्यादा उत्साह वाले प्रयासों की आवश्यकता है।
जापानी उद्योगपति चाहते हैं कि भारत में कर व्यवस्था में सुधार हो, वित्तीय सेवाओं के विस्तार के लिए बैंकों पर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को एक न्यूनतम स्तर तक ऋण देने की अनिवार्यता में नरमी लायी जाए तथा विदेशी बैंकों को महानगरों में अधिक शाखाएं खोलने की अनुमति देने के नियम आसान किए जाए। सिंह ने कहा कि हमारे लोगों ने तेज वृद्धि का लाभ उठाया है। वे अब उससे कम पर नहीं मानने वाले हैं। मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार अर्थव्यवस्था के दीर्घावधि के हितों में कड़े और कठिन फैसले लेने को प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि कई गैर कांग्रेसी सरकारों वाले राज्य जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि केंद्र उनके अधिकारों में दखल का प्रयास कर रहा है और इससे उनकी राजकोषीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। सिंह ने कहा कि ऐसे में हम यह नहीं कह सकते कि यह काम कल हो जाएगा, लेकिन यदि आप मुझसे पूछें तो 2014 का आम चुनाव संपन्नि होने के बाद जो भी सरकार आएगी, वह भारत की आर्थिक वृद्धि की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए समुचित प्रकार की आम सहमति सहमति जरूर बनाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए किए गए उपायों से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कहीं अधिक यानी 6 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। हम 2014-15 में और अच्छा प्रदर्शन करेंगे।