ठाकरे ने अपने गठबंधन सहयोगियों के उन प्रयासों को एक तरह से मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसके तहत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख व उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ सुलह की कोशिशें की जा रही थीं। पार्टी मुखपत्र सामना में एक तीखे सम्पादकीय में ठाकरे ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले के हाल की पहलों की आलोचना की है, जिसके तहत वे मनसे प्रमुख के साथ उद्धव का मेल-मिलाप कराने की कोशिश कर रहे थे।
उद्धव ने कहा कि बेहतर होगा कि ठाकरे बंधुओं में एकता कराने से पहले ये दोनों दल अपने कुनबे को व्यवस्थित कर लें। पिछले सप्ताह गडकरी ने पुणे में घोषणा की थी कि वह और भाजपा तबतक शांत नहीं बैठेंगे, जबतक कि चचेरे ठाकरे बंधु एकजुट नहीं हो जाते और मनसे को सेना-भाजपा-आरपीआई गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी नहीं कर लेते। इसी तरह आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले ने उद्धव और राज को एकजुट करने की एकतरफा मुहिम शुरू कर दी और यहां तक कि दोनों के बीच मुद्दे सुलझाने के लिए राज के घर जाने की भी पेशकश कर दी थी।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हालांकि अभीतक भाजपा और आरपीआई द्वारा की गई पहल पर रणनीतिक चुप्पी साधे हुए है। लेकिन उद्धव ने अनपेक्षित रूप से जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के लिए बेहतर होगा कि गडकरी जैसे इसके नेता पहले गोपीनाथ मुंडे और विनोद तावडे के बीच तथा नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के बीच मेल-मिलाप करा लें।