डॉ. आर. एस. परोदा, भारत सरकार
के पूर्व सचिव एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) समारोह के मुख्य
अतिथि थे और डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, कृषि अनुसंधान
और शिक्षा विभाग (डीएआरई), भारत सरकार और महानिदेशक, भारतीय कृषि
अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने समारोह की अध्यक्षता की I डॉ. परोदा ने मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश
डालते हुए कहा कि हमारी बढ़ती हुई आबादी के लिये खाद्य और पोषण की आवश्यकताओं और उच्च
प्रशिक्षित मानव संसाधनों के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता है
I उन्होंने मत्स्य पालन और संबद्ध विषयों के क्षेत्र में गुणवत्ता के साथ ही मानव संसाधन
के निर्माण में एक विश्व नेतृत्व का दर्जा प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय
मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान के अनुकरणीय योगदान की सराहना की I उन्होंने यह भी कहा
कि कृषि सकल घरेलू उत्पाद में मत्स्य पालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान पर विचार करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 12 वीं पंचवर्षीय योजना में मत्स्य पालन के
लिए अपने आवंटन को दोगुना करने की जरूरत है I
डॉ. एस. अय्यप्पन, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद ने अपने अध्यक्षीय भाषण
में किसान पहले और छात्र शक्ति पर विशेष ध्यान देते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान
परिषद् के साथ ही राष्ट्रीय भागीदारी सुनियोजित परियोजनाओं के माध्यम से अनुसंधान
एवं शिक्षा में गुणवत्ता लाने तथा उच्च तकनीकी के वितरण पर केंद्रित किया I
डॉ. वजीर एस. लाकड़ा, कुलपति, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान
ने अपने
स्वागत भाषण में संस्थान की शैक्षणिक और मुख्य अनुसंधान उपलब्धियों
पर प्रकाश डाला I उन्होंने अंतर्देशीय क्षेत्र में खारा जल कृषि और सजावटी मछली
पालन को सम्मिलित करते हुए 12 वीं योजना के दौरान महत्वपूर्ण
क्षेत्रों और संस्थान के प्रमुख कार्यक्रमों को रेखांकित किया I
दीक्षांत समारोह में 142 मात्स्यिकी निष्णात और 37 पी.एच.डी. डिग्री प्रदान किए
गए तथा मेधावी छात्रों को 24 स्वर्ण पदक पुरस्कार प्रदान
करने के साथ ही सम्मानित भी किया गया I सुश्री एस. एग्नेस डैनी एंजेला और सुश्री एन.
शामना ने क्रमश: 2009-11 और 10-12 वर्ष के लिए शीर्ष रैंक प्राप्त किया I संस्थान ने मत्स्य पालन के
क्षेत्र में प्रख्यात दो वैज्ञानिकों डॉ. के. गोपाकुमार, पूर्व उप महानिदेशक
(मत्स्य),
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और डॉ. एस.डी. त्रिपाठी, पूर्व निदेशक, केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान को मत्स्य पालन के
क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु डॉक्टरेट आफ साइंस की उपाधि प्रदान की I