13/05/2013 नाबालिग बहनों के जीवन से हो रहा खिलवाड़, ताकि बस सके भाइयों का घर-बार
शादी या सौदा : खुद का लड़का कुंआरा नहीं रहे इसलिए दुल्हन के अविवाहित भाई, चाचा, मामा आदि से कर रहे अपनी नाबालिग बेटी से शादी, �आंटा-साटा� की इस परंपरा में पिस रहीं कई बेटियां
जोधपुर/भोपालगढ़.ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह का भयावह रूप सामने आ रहा है। पहले तो आखातीज जैसे अबूझ सावे पर सिर्फ नाबालिग लड़के-लड़कियों का विवाह करवाया जा रहा था, लेकिन अब नाबालिग लड़कियों की शादी उनसे उम्र में कई साल बड़े युवकों से की जा रही है। कारण- बदले में उस युवक की बहन, भतीजी या भानजी नाबालिग लड़की के ऐसे कुंआरे भाई, चाचा या मामा को दुल्हन के रूप में मिल जाती है, जिसकी शादी नहीं हो पा रही। हालांकि, �आंटा-साटा�, यानी जिस घर से बेटी लाना है, उसी घर में बेटी ब्याहने की यह परंपरा बहुत पुरानी है। अब इसका रूप थोड़ा बदल गया है। पिछले कुछ समय में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कुछ नहीं कर पाए। गत वर्ष रुकवाया था बाल विवाह सामाजिक कार्यकर्ता उर्मिला राठी बताती हैं कि �आंटा-सांटा� परंपरा के तहत बाल विवाह के ज्यादातर मामले बाड़मेर, बालोतरा, भोपालगढ़, बावड़ी, पीपाड़ आदि क्षेत्रों में सामने आ रहे हैं। गत वर्ष मथानिया में इसी परंपरा के तहत होने वाले एक बाल विवाह को रुकवाया था।
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