15/03/2013 और महंगा होगा रेल का सफर!
नयी दिल्ली : रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने आज कारपोरेट-सामाजिक जिम्मेदारी के तहत रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को विकसित करने के लिए कंपनियों को आंमत्रित किया और साथ ही रेल बजट में किसी राज्य के साथ भेदभाव के आरोपों को खारिज किया. वहीं दूसरी ओर उन्होंने टिकट बुक कराने और कैंसिल कराने पर लग रहे सरचार्ज में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों वाले रेलवे के संतुलित विकास के लिए ऎसा किया जाना जरूरी है. अगर ऐसा होता है तो रेल में सफर करना और महंगा हो जाएगा. बंसल ने लोकसभा में वर्ष 2013-14 के रेल बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए यह बातें कहीं. रेल मंत्री के भाषण के दौरान भाजपा, जदयू, शिवसेना, बीजद अन्ना द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस वामदलों के सदस्यों ने रेल बजट में उनके क्षेत्रों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया. रेल मंत्री के उत्तर के बाद सदन ने वर्ष 2013-14 के लिए रेलवे की अनुदान मांगे और 2012-13 एवं 2010-11 के लिए अनुदानों की अतिरिक्त मांगों तथा इससे जुडे विनियोग विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी.
रेल मंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर सुख सुविधाओं के विस्तार के लिए निजी निवेशकों को आमंत्रित किया है. बंसल ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि टिकटों की बुकिंग 120 दिनों के लिए खुली रहती है. एजेंट बल्क में टिकटें खरीद लेते हैं और उन्हें 119 दिन में ही बेच देते हैं. बिना बिकने वाली टिकटों को आखिरी दिन देते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए धीरे धीरे चार्जेज बढ़ाए जाएंगे. इससे असल यात्रियों को समय पर टिकट मिलेंगे. 26 फरवरी को जब रेल बजट पेश किया गया था तब भी रिजर्वेशन और कैंसिलेशन के चार्ज में बढ़ोतरी की घोषणा की हई थी. रेल मंत्री ने टिकटों के आरक्षण,रद्दकरण और तत्काल आरक्षण पर लगने वाले शुल्कों और प्रभारों में दस रूपए से 100 रूपए तक की बढ़ोतरी की थी. साथ ही माल भाड़े में भी पांच से छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. उस वक्त रेल मंत्री ने कहा था कि राजस्व बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं. बंसल जब साल 2013-14 के रेल बजट पर बहस का जवाब दे रहे थे तब विपक्षी सदस्य सदन से वॉक आउट कर चले गए. भाजपा,लेफ्ट,बीजू जनता दल,जदयू,एआईएडीएमके,तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के सदस्यों ने आरोप लगाया कि रेल मंत्री सिर्फ कांग्रेस शासित राज्यों पर ध्यान दे रहे हैं. रेल मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय सीमित संसाधनों के जरिए सुरक्षा पर ध्यान देगा. आने वाले साल में रेलवे बेहतर सुविधाएं देगा. निजी निवेश की मदद से स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा.
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