राष्ट्रमंडल खेलों में अब जब तीन माह से भी कम का समय शेष बचा है तब यहां अधिकारियों ने वेश्यावृत्ति और महिला तस्करी के मामलों में वृद्धि की आशंका को लेकर कमर कस ली है.
कई गैर सरकारी संगठन, टूर ऑपरेटरों और पुलिस विभाग आपस में समन्वय बैठा रहे हैं जिससे कि सेक्स वर्करों की संख्या में संभावित इजाफे को रोका जा सके. पंद्रह सौ से अधिक होटलों, टूर ऑपरेटरों और लाइफस्टाइल सर्विस प्रोवाइडर की संस्था द इंडियन एसोसिएशन आफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) ने पर्यटन मंत्रालय को इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है.
आईएटीओ अध्यक्ष विजय ठाकुर ने कहा, विभिन्न विदेशी देशों की वेश्याएं पर्यटक बनकर भारत के दौरे पर आ सकती हैं. हमारा उनको प्रवेश करने से रोकना मुश्किल है इसलिए हमने हाल में पर्यटन मंत्रालय को उन पर नजर रखने को कहा था. ठाकुर ने खुलासा किया कि ऐसे सेक्स वर्कर युक्रेन, जार्जिया, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, अजरबेजान, चेचन्या और किर्गिस्तान जैसे देशों के अलावा अन्य देशों से भी आ सकते हैं. ठाकुर ने कहा, इस तरह की गतिविधियों को रोकने की जरूरत है और होटल मालिकों को सतर्क रहना होगा. कई एनजीओ ने भी सरकार को चेताया है कि तीन से 14 अक्तूबर तक होने वाले खेलों को कई सेक्स वर्कर जल्दी पैसा कमाने के अच्छे मौके के रूप में देख रहे हैं.
मानव तस्करी रोधी एनजीओ शक्ति वाहिनी के समन्वयक रिषिकांत ने कहा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और कर्नाटक के आदिवासी इलाकों अलावा अन्य राज्यों से युवा लड़कियों की तस्करी की आशंका है. गृह मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 2007 में महिला तस्करी के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3600 मामले दर्ज किये गये.