27/08/2010 डॉक्टरों को भी करना होगा फ्री में काम
नई दिल्ली ।। सेना के बाद अब कॉमनेवल्थ झेलने की बारी डॉक्टरों की है
नई दिल्ली ।। सेना के बाद अब कॉमनेवल्थ झेलने की बारी डॉक्टरों की है , आयोजन समिति ने कहा कि गेम्स ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों को
पैसा नहीं मिलेगा। कारण वहीं पुराना - डॉक्टर कोई ऐसा - वैसा काम नहीं कर रहे बल्कि देश के प्रति अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। गुरुवार को ऑर्गनाइजिंग कमिटी ( ओसी ) ने गेम्स के लिए मेडिकल प्रोग्राम जारी किया। ओसी के चीफ मेडिकल ऑफिसर भरतइंदर सिंह ने बताया कि गेम्स ड्यूटी में तैनात 400 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को इसके लिए कोई भत्ता नहीं मिलेगा। सिंह ने कहा , ' इन पेशेवरों को कोई पेमेंट नहीं होगा ... वह देश के प्रति अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। ' चिकित्साकर्मी खासकर डॉक्टर दिल्ली और केंद्र सरकार से लिए गए हैं। कुल 386 डॉक्टर , 262 नर्सिंग स्टाफ , 103 फिजियोथेरेपिस्ट , और 95 मसाज थेरेपिस्ट गेम्स के काम में लगाए गए हैं। इनके अलावा 179 मेडिकल स्टूडेंट भी गेम्स वॉलंटियर के रूप में ड्यूटी निभाएंगे। मजे की बात यह है कि सेना और चिकित्साकर्मियों को देशसेवा के नाम पर फ्री में काम करने के लिए कहने वाली ऑर्गनाइजिंग कमिटी अपने स्टाफ को 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का भुगतान कर रही है। स्टाफ की दिए जाने वाले वेतन के अलावा कंसल्टेंटों को मोटी रकम दी जा रही है। गेम्स का आधिकारिक थीम सॉन्ग बना रहे ए . आर . रहमान को 5 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उनके अलावा तमाम समाराहों से जुड़े कलाकारों और अन्य लोगों को भी इसके एवज में धन दिया जा रहा है। लेकिन ओसी की दलील है कि चिकित्साकर्मियों को पहले ही सरकार से वेतन मिल रहा है इसलिए उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।
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