लेखक हामिश मक्डॉनल्ड की नई किताब का टाइटल है - 'महाभारत इन पॉलिएस्टर' यानी पॉलिएस्टर के कारोबार में महाभारत। किताब में उन्होंने रिलायंस घराने के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि उन्हें बिजनेस गुरु कहा जाए या लोगों को भ्रष्ट करने वाला बेजोड़ उस्ताद या दोनों? रिलायंस घराने के बारे में हामिश मक्डॉनल्ड की पहली किताब 'पालिएस्टर प्रिंस' को 1998 में भारत में कोर्ट के हस्तक्षेप पर प्रतिबंधित कर दिया गया था। रिलायंस समूह ने ही उस किताब पर पाबंदी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
यह नई किताब पहली सितंबर को ऑस्ट्रेलिया में जारी होगी।
अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस किताब के हवाले से लिखा है कि लगता है कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने अपने पिता से ज्यादा सीख ली है और दोनों भाइयों के में वह अक्सर भारी पड़ते नजर आते हैं। नई किताब के बारे में संपर्क किए जाने पर मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने किसी टिप्पणी से इनकार किया। अनिल अंबानी समूह की ओर से भी कोई टिप्पणी नहीं मिली।
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स प्रेस द्वारा प्रकाशित इस किताब में मक्डॉनल्ड ने लिखा है कि दोनों भाइयों के स्वभाव में कुछ अजीब बदलाव देखे गए हैं, जो एक-दूसरे के विपरीत हैं। मुकेश ऊंची महफिलों के शौकीन दिखने लगे हैं। मुंबई में उनकी ऊंचे महल की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, भले ही वे इसकी बात टालने की कोशिश करते हों। अनिल अंबानी के बारे में लेखक ने कहा है कि उनकी छवि 'प्लेबॉय' की रही थी। अब उन्हें बड़े भक्ति भाव वाले व्यक्ति के रूप में पेश किया जा रहा है। वे अक्सर तीर्थाटन व मंदिरों के दर्शन के लिए निकलते रहते हैं। लेखक के मुताबिक, अनिल अपनी तीर्थयात्राओं में कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद शाम को साधारण होटलों में रुकते रहे हैं।
रिलायंस समूह के विभाजन के रूप में खत्म हुई उत्तराधिकार की लड़ाई के बारे में किताब में कहा गया है कि दोनों भाइयों के बीच संवाद खत्म हो गया था और वे अपने प्रवक्ताओं के बयानों के माध्यम से संवाद करते थे। दोनों के बीच कोर्ट-कचहरी के मामले बढ़ गए थे। बावजूद इसके, दोनों के बारे में कहा जाता था कि हर सप्ताह नाश्ते के दौरान होने वाली बैठक में एक-दूसरे के प्रति विनम्रता का स्वांग किया करते थे। लेखक यह किताब भारत से भी प्रकाशित करवाना चाहते हैं। उनकी यह किताब ऐसे समय बाजार में आ रही है, जब कुछ ही महीने पहले अनिल व मुकेश ने पुराने विवादों को भुलाकर आपस में सुलह और सहयोग का नया दौर शुरू करने की घोषणा की है।