भारतीय जनता युवा मोर्चा के समर्थन से बड़ी संख्या में किसानों ने मथुरा में जनता एक्सप्रेस रेलगाड़ी को रोक दिया। जीआरपी के इंस्पेक्टर डोरीलाल ने मथुरा में बताया कि जिला पुलिस की मदद से प्रदर्शनकारियों को हटाकर रेल यातायात बहाल कर दिया गया। स्थिति नियंत्रण में है।
किसान आंदोलन को देखते हुए रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। खबरों के अनुसार आगरा, अलीगढ़ और मेरठ सहित कई जिलों में अधिक मुआवजे की मांग के समर्थन में भारी संख्या में किसान सड़कों पर उतरे हैं।
एक अधिकारी ने कहा, 'जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसानों को पटरियों को क्षति पहुंचाने से रोकने के लिए स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर भी नजर रखी जा रही है क्योंकि बड़ी संख्या में टूरिस्ट इस मार्ग का उपयोग करते हैं।'
कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल सहित कई पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है। इन दलों ने गुरुवार को संसद के समीप एक रैली करने का फैसला किया है। व्यापारिक संस्थाओं ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है।
उत्तर प्रदेश के किसान यमुना एक्सप्रेस वे के लिए अधिक मुआवजे की मांग को लेकर उत्तेजित हैं। इस मार्ग के बनने के बाद दिल्ली और आगरा के बीच के सफर का समय करीब 90 मिनट कम होने का अनुमान है। एक्सप्रेस वे गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), अलीगढ़, महामाया नगर (हाथरस) और मथुरा जिलों से होकर गुजरेगा और इसके लिए 115 गांवों की कुल 2,500 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुआवजे की दर 449 रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ाकर 570 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दी है। परंतु किसानों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए ग्रेटर नोएडा में दिए गए 880 रुपये प्रति वर्गमीटर के बराबर मुआवजा देने की मांग की है।