22/08/2010 भारत ने चीन के ऐतराज को खारिज किया
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दलाई लामा के साथ मुलाकात पर चीन की आपत्ति को
भारत ने खारिज कर दिया है और कहा है कि दलाई लामा भारत के सम्मानित अतिथि हैं। भारत की जनता उन्हें आदर से देखती है।
गत 11 अगस्त को तिब्बती नेता दलाई लामा के साथ प्रधानमंत्री की अघोषित मुलाकात के बाद चीन द्वारा भारत से विरोध दर्ज किए जाने की रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री से भी अपनी पिछली मुलाकात में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि दलाई लामा एक आध्यात्मिक नेता हैं और भारत के वह सम्मानित अतिथि हैं। हम किसी को चीन विरोधी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को नहीं उकसाते हैं। हमने चीन से यह भी साफ किया है कि भारत तिब्बत को चीन का एक स्वशासी क्षेत्र मानता है और तिब्बत को लेकर कोई भी विवाद यहीं समाप्त समझा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चीन किसी भी अंतरराष्ट्रीय नेता की दलाई लामा से मुलाकात को लेकर ऐतराज करता है और कई विदेशी राष्ट्र नेता चीन की धमकियों के आगे झुक जाते हैं और दलाई लामा से मिलने से कतराते हैं। भारत की ओर से भी यह ध्यान रखा जाता है कि दलाई लामा को किसी कूटनीतिक समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाए। भारतीय प्रधानमंत्री भी चीन की संवेदनशीलताओं को ध्यान में रख कर सार्वजनिक तौर पर दलाई लामा से नहीं मिलते हैं। लेकिन गत 11 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दलाई लामा से अघोषित मुलाकात पर चीन ने जब ऐतराज किया तो भारत ने उसे खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही विदेश सचिव निरुपमा राव दलाई लामा से मिलने धर्मशाला गई थीं।
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