आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष जयपाल रेड्डी ने ऐंटनी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह सेना से कहें कि अक्टूबर में हो रहे खेलों के दौरान वह जो सुविधाएं मुहैया करा रही है उसका वह पैसा नहीं ले। कलमाड़ी ने कहा, 'इसलिए सेना कुछ सुविधाएं निशुल्क देने पर तैयार हो गई है जबकि कुछ के लिये वह पैसा लेगी।'
पता चला है कि शहरी विकास मंत्री ने अपने पत्र में ऐंटनी से आग्रह किया कि सेना को खेलों के दौरान तैनात किए जाने वाले अधिकारियों और जवानों के भत्ते आयोजन समिति से नहीं लेने चाहिए। रेड्डी ने इसके अलावा उद्घाटन समारोह के लिये सेना की सुविधाओं का उपयोग करने वाले कलाकारों के ठहरने आदि का खर्चा भी नहीं लेने का आग्रह किया है।
इस संबंध में जब रेड्डी से संपर्क किया गया तो मंत्री ने कहा कि उन्होंने पत्र तो लिखा था लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसमें क्या-क्या था। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय इस मांग से लेकर हैरान है क्योंकि उन्होंने आयोजन समिति के साथ समझौता किया था कि गेम्स के काम में तैनात अफसरों को 20 हजार रुपये भत्ता और जेसीओ स्तर के कर्मियों 10-14 हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय और कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी (जिसे मोटी रकम मिली है) के बीच समझौता हो चुका था। अब, अचानक यह चिट्ठी आई है। रक्षा बजट इसकी अनुमति नहीं देता।'