26/11/2012 फाउंडर मेंबर न बनाने पर गुस्साए 'आम आदमी'
नई दिल्ली।। शनिवार को अरविंद केजरीवाल की मीटिंग में कई पुराने कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जताई। केजरीवाल ने कहा था कि वह 26 नवंबर को अपनी पार्टी के नाम का ऐलान करेंगे। लेकिन उन्होंने दो दिन पहले ही कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इसका ऐलान कर दिया, जहां 300 कार्यकर्ताओं ने पार्टी का संस्थापक सदस्य बनने के लिए फॉर्म भरे। मीटिंग में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, संजय सिंह, गोपाल राय और शांति भूषण मौजूद थे।
केजरीवाल की नई पार्टी की सदस्यता के लिए रजिस्ट्रेशन का काम संभाल रहे योगेश कुमार ठाकुर ने बताया कि हर कार्यकर्ता से उसका वोटर आईडी कार्ड मांगा जा रहा है, ताकि उसका एफिडेविट बनवाकर चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। केजरीवाल शनिवार सुबह 10 बजे ही मीटिंग के लिए पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ भी तय नहीं है। हम सभी मीटिंग के बाद अपनी पार्टी का नाम घोषित करेंगे। तकरीबन 12 बजे तक सब कुछ टीम केजरीवाल की योजना के अनुरूप चल रहा था, लेकिन करीब 12:20 बजे पांच लोग सामने आए और केजरीवाल के खिलाफ अपना विरोध जताया। प्रोफेसर अशोक अरोड़ा तिलक नगर विधानसभा इलाके से कार्यकर्ता हैं। उन्होंने इस बात पर विरोध जताया कि उन्हें इस मीटिंग के बारे मेंे कोई जानकारी नहीं थी। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि वह केजरीवाल को पिछले पांच सालों से जानते हैं। उन्होंने हर रैली और मूवमेंट में अपना योगदान दिया है, लेकिन किसी ने भी उन्हें मीटिंग की सूचना नहीं दी। इसके अलावा उनको फाउंडर मेंबर के लिए भी नहीं चुना गया। जब उन्होंने मनीष सिसौदिया से बात की, तो उनका कहना था कि वह इस बारे में बाद में चर्चा करेंगे। प्रो. अरोड़ा ने गोपाल राय से अपनी शिकायत रखी कि जब इस मूवमेंट से हजारों कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं, तो सिर्फ 300 कार्यकर्ताओं को ही संस्थापक सदस्य क्यों बनाया जा रहा है। बकौल प्रोफेसर अरोड़ा, इस पर गोपाल राय का जवाब था कि कार्यकर्ता अपनी समस्या से खुद ही निपटे। वहीं उत्तम नगर के दीपक छाबड़ा ने कहा कि यहां सिर्फ उन्हीं लोगों को हॉल में जाने की इजाजत है, जिनके पास कार्ड है। लोग दूरदराज के शहरों से यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। लोग उनके साथ जुड़ना चाहते हैं। लेकिन टीम केजरीवाल इस रास्ते पर चलेगी, तो लोग उनसे दूर हो सकते हैं। डॉ. ईश्वर प्रकाश शर्मा का भी आरोप था कि अरविंद केजरीवाल पक्षवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। जब अभी से यह हाल है, तो बाद में क्या होगा? अपना विरोध जताने वाले ये सभी कार्यकर्ता दो साल से अन्ना-केजरीवाल के आंदोलन से जुड़े हुए हैं। शनिवार को यहां दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश , बिहार , तमिलनाडु , महाराष्ट्र , कर्नाटक , बंगाल , उड़ीसा समेत अन्य कई राज्यों से अपना नाम रजिस्टर करवाने के लिए मीटिंग में पहुंचे हु ए थे।
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