22/11/2012 राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को भेजी अफजल की दया याचिका
नई दिल्ली।। पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब के बाद संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को भी फांसी पर लटकाया जा सकता है। इंग्लिश अखबार 'डेली मेल' के मुताबिक राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अफजल की दया याचिका को रिव्यू के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है। माना जा रहा है कि अफजल का नंबर भी जल्द आ सकता है।
डेली मेल ने सूत्रों के हवाले से लिखा है राष्ट्रपति ने अपने पास आईं 11 दया याचिकाओं को रिव्यू के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा है। इन याचिकाओं में साल 2001 में संसद पर हुए हमले के मास्टर माइंड अफजल गुरु की याचिका भी शामिल है। अब यह गृह मंत्रालय के ऊपर है कि वह अफजल गुरु के मामले में क्या सिफारिश करता है। कसाब को फांसी पर लटकाए जाने के बाद से ही सरकार पर लगातार अफजल को भी फांसी दिए जाने का दबाव बन रहा है। अफजल को फांसी पर लटकाए जाने के मामले पर जब भी बात होती थी, तब सरकार का कहना होता था कि राष्ट्रपति के पास बहुत सारी दया याचिकाएं पेंडिंग हैं, जिनमें अफजल की याचिका भी शामिल है। इन दया याचिकाओं पर क्रम से फैसला लिया जाएगा। लेकिन कसाब को फांसी दिए जाने के बाद बहुत से लोग सरकार की इस 'क्रम वाली थिअरी' पर सवाल उठा रहे हैं।अगर क्रम की बात करें, तो इस हिसाब से कसाब का नंबर बहुत बाद में आना था। संसद हमला 2001 में हुआ था, जबकि मुंबई अटैक 2008 में। क्रम के हिसाब से तो अफजल गुरु को कसाब से कई साल पहले ही फांसी मिल जानी चाहिए थी, क्योंकि उसे साल 2004 में सजा-ए-मौत दे दी गई थी। अफजल गुरु के अलावा अभी 5 और आतंकी हैं, जो फांसी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें मनिंदरजीत सिंह बिट्टा को टारगेट बनाकर बम धमाका करने वाले देविंदर पाल भुल्लर, पंजाब के सीएम बेअंत सिंह की हत्या करने वाले बलवंत सिंह राजोआना और राजीव गांधी गांधी के हत्यारों मुरुगन, संथान और पेरारिवलन शामिल हैं। इन सब आतंकियों की लिस्ट में कसाब आखिरी क्रम पर था। उसे इन सभी से बाद में सजा सुनाई गई, लेकिन सबसे पहले फांसी पर लटकाया गया। ऐसे में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि बाकी बचे आतंकियों में भी सबसे पहले अफजल गुरु को ही फांसी पर लटकाया जाएगा।
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