10/11/2012 काग्रेसी संवाद में हावी रहा गैस सिलेंडर
महंगाई पर चौतरफा घिरी सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को लेकर कुछ राहत भरा फैसला कर सकती है। काग्रेस के अंदर ही बढ़ते दबाव को देखते हुए केंद्र सरकार न सिर्फ सालाना छह सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर देने के फैसले को बदल सकती है, बल्कि पेट्रोल की कीमत में भी आम जनता को कुछ राहत दे सकती है। काग्रेस नेताओं की शुक्रवार को सूरजकुंड में हुई बैठक में सब्सिडी वाले सिलेंडर का कोटा बढ़ाने की जबरदस्त माग हुई। शुरुआत एक एंटनी ने की। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, हमारी नीतिया हमेशा से मध्यमार्गी और वामपंथी झुकाव वाली रही हैं।
हमने हमेशा आम आदमी को तरजीह दी है। अब नीतियों में यह दक्षिणपंथी भटकाव क्यों? दिग्विजय सिंह, जगदीश टाइटलर सहित अधिकाश नेताओं ने सरकार से इस सीमा को छह से बढ़ाकर 12 करने की माग की। कई नेताओं ने तो आगामी चुनावों के मद्देनजर इस फैसले को ही रद करने की माग कर डाली। इसके बाद पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली को यह वादा करना पड़ा कि वह इस बारे में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
जानकारों की मानें तो पेट्रोलियम मंत्रालय इस बारे में काफी हद तक मन पहले ही बना चुका है। कैबिनेट की बैठक में भी अनौपचारिक तौर पर चर्चा हुई है। दैनिक जागरण ने इस संदर्भ में पहले ही 12 अक्टूबर को खबर प्रकाशित की थी। पेट्रोलियम मंत्रालय फिलहाल चालू वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान छह के स्थान पर 12 गैस सिलेंडर देने की घोषणा कर सकता है। चूंकि अक्टूबर से मार्च के दौरान सब्सिडी वाले तीन सिलेंडर दिए ही जाने हैं, इसलिए तेल कंपनियों पर सिर्फ तीन और ऐसे सिलेंडर का बोझ पडे़गा। सितंबर, 2012 में सरकार ने हर परिवार को सिर्फ छह सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर देने का फैसला किया था। पेट्रोलियम मंत्रालय तेल कंपनियों से संपर्क बनाए है, ताकि पेट्रोल कीमतों में भी कुछ राहत दी जा सके। तेल कंपनियों की तरफ से पेट्रोल की की खुदरा कीमत में एक रुपये लीटर तक की कमी का एलान हो सकता है। वैसे कंपनियों ने पिछले महीने के दौरान पेट्रोल पर दो रुपये प्रति लीटर का मुनाफा कमाया है। इंडियन ऑयल के चेयरमैन आरएस बुटोला ने बताया, अगले एक हफ्ते के भीतर हम पेट्रोल की कीमत पर फैसला करेंगे। पिछले तीन-चार दिनों को छोड़ दें तो क्रूड आयल लगातार सस्ता हो रहा था। वैसे रुपये में भी इधर तेजी है। हम इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करेंगे।
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