इसे लेकर अब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। मोदी ने सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चि_ी लिखी है। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। वहीं पीएम ने कहा है कि बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। मोदी ने लिखा कि केंद्र ऐसे कानून बनाने में व्यस्त है जो राज्य सरकारों का मामला है। मोदी ने कहा, मैंने पीएम से निवेदन किया है कि इस बिल को पेश करने से पहले सभी राज्यों और संबंधित लोगों से चर्चा की जाए। मैंने पीएम को खत लिखकर इसका विरोध किया है।
रुकेगी हिंसा : मायावती
बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने हिंसा विरोध बिल पर कहा कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। पहले आम सहमति बननी चाहिए उसके बाद संसद में पेश किया जाना चाहिए।
देश को बांटने की कोशिश
भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह बिल संसद में पास नहीं होना चाहिए यह देश को बांटने का काम करेगा। यह मुद्दा काफी संवेदनशील है।
समर्थन में जेडीयू
इस बिल के समर्थन में जनता दल यू उतर आई है। जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि कोई पार्टी इसका विरोध न करे सभी मिलकर इस बिल को पास कराएं।
होनी चाहिए बहस
बीजू जनता दल के नेता ने कहा कि यह बहुत गंभीर व संवेदनशील मुद्दा है इस पर संसद में बहस होनी चाहिए।